Saini poem: The Saini poem is written in Hindi and is known by the name of the Saini caste of a group in North India

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The Saini poem in Hindi , a famous Hindi poem that is very popular in India and every news related to the Saini caste can be found on our website .

Hindi poem
Saini poem in Hindi


सैनी , तेरे उजाले में है विश्वास ,
गरिमा तेरी चमकती है अनन्य हुनर कास ।
शक्ति तेरी आकाशी है अमर ,
गर्व से माथे सजाती हरियाली खेतकी त्रिनयार ।

तट सेगंगा, नदी सेगम्गा में तू स्थायी ,
घर तेरा उन्नति की कहानी ।
वीरता , समर्पण तेरा अमर विभानी,
कविशों की छवि, क्षत्रियता की पहचानी।

तंग आने पर तू नहीं हाथ उठाता ,
कर्तव्य पर गर्व से प्रक्षेपण करता ।
आदर्श पुरुषार्थ की उच्चता ,
तरुणी तेरे रूप में है अगणित दृष्टा ।

संस्कृति की प्राचीन धारा ,
सामाजिक मोर्चों पर तेरा विभाजित ध्यान हमारा।
सेवा, समर्पण का अद्ध्याय ,
खड़ी रही है सदा तेरी महिमा यहां, देश है विस्तार ।

सैनी, तुझमें है समाविष्ट ज्ञान की प्रवाह ,
विपश्यना का स्रोत , गांव-शहर की जाह्नवी नहर ।
वाचिक गौरव , नैतिक श्रेष्ठता का अभिमान ,
तू है विजय का नागर , है गरिमा का ज्योतिष्क बन ।

                                                                                        ~ Writer Gaurav Satrawala 

All paragraph meaning


First paragraph Meaning : -

सैनी, तेरे उजाले में है विश्वास - Saini , there is belief in your light
गरिमा तेरी चमकती है अनन्य हुनर कास - Your glory shines with unmatched talent
शक्ति तेरी आकाशी है अमर - Your strength is infinite like the sky
गर्व से माथे सजाती हरियाली खेतकी त्रिनयार - You proudly adorn the green fields with honor.

Second paragraph Meaning :-

तट सेगंगा , नदी सेगम्गा में तू स्थायी - Like the banks of the Ganga and Yamuna, you are constant
घर तेरा उन्नति की कहानी - Your home tells the story of progress
वीरता, समर्पण तेरा अमर विभानी - Your bravery and dedication will be eternal
कविशों की छवि, क्षत्रियता की पहचानी - You embody the essence of poets and the identity of warriors.

Third paragraph Meaning :-

तंग आने पर तू नहीं हाथ उठाता - You do not raise your hand in times of trouble
कर्तव्य पर गर्व से प्रक्षेपण करता - You proudly fulfill your duties
आदर्श पुरुषार्थ की उच्चता - You reach the highest level of exemplary efforts
तरुणी तेरे रूप में है अगणित दृष्टा - The youth in your form is infinite sight .

Fourth paragraph Meaning :-

संस्कृति की प्राचीन धारा - You are the ancient stream of culture
सामाजिक मोर्चों पर तेरा विभाजित ध्यान हमारा - Our attention is focused on social issues
सेवा, समर्पण का अद्ध्याय - You are the chapter of service and dedication
खड़ी रही है सदा तेरी महिमा यहां, देश है विस्तार - Your glory remains forever , the nation expands.

5th paragraph Meaning :-

सैनी , तुझमें है समाविष्ट ज्ञान की प्रवाह - You possess the flow of inclusive knowledge
विपश्यना का स्रोत, गांव-शहर की जाह्नवी नहर - You are the source of enlightenment , like a river flowing through villages and cities
वाचिक गौरव, नैतिक श्रेष्ठता का अभिमान - You take pride in your verbal eloquence and moral excellence
तू है विजय का नागर, है गरिमा का ज्योतिष्क बन - You are the city of victory, the shining sun of glory .

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